बिहार विधानसभा चुनाव 2010 भारत में अगला सबसे बड़ा चुनाव है और इस चुनाव हम विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा कई राजनैतिक कौशल के प्रदर्शन को देख सकते हैं. इस चुनाव में मुख्य लड़ाई नितीश कुमार नेतृत्व वाली जदू-भाजपा गठबंधन और लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राजद-लोजपा के बीच गठबंधन होगी.नितीश कुमार बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री है और वह उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड का नेतृत्व करते है. उन्होंने बिहार में 2005 बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन बना कर सत्ता में आये थे.
इस रिश्ते को बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटों में से 142 सीटें मिली थीं. लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाले रास्ट्रीय जनता दल - लोक जन शक्ति पार्टी - कांग्रेस के गठबंधन को केवल 65 सीटें मिली थीं. अन्य को 2005 बिहार विधानसभा चुनाव में 32 सीटें मिली थी. 2005 में, नीतीश कुमार ने 15 वर्ष लंबे लालू प्रसाद यादव शासन को बिहार से बाहर कर दिया. 2010 बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्य लड़ाई फिर से नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव बीच है और उनमें से एक फिर बिहार का नया मुख्यमंत्री बन जाएगा. इस बार कांग्रेस लालू के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा नहीं है और यह 2010 बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले जाना चाहती है. भाजपा और जदू के बीच पिछले कुछ दिनों के संबंध में कुछ अनिश्चितताओं को देखा गया है, लेकिन वर्तमान खबर से पता चलता है कि दोनों पार्टियों इस चुनाव को एक साथ लड़ेगी.
नीतीश कुमार बिहार में लोकप्रिय नेता के रूप में उबरे है उनके द्वारा बिहार को फिर से विकास के पथ लाने से. इसलिए, चुनाव पर्यवेक्षक की बड़ी संख्या का मानना है कि वह राजद - लोजपा गठबंधन से ज्यादा मजबूत बढ़त में रहेंगे, हालांकि, विभिन्न जाति के संयोजन बनाने से यह मुश्किल हो जाता है चुनाव परिणाम की सटीक भविष्यवाणी करनी. दोनों गठबंधन सभी जातियों और मज्हबो के मतदाताओं को आकर्षित करने और उनके वोट पाने के लिए कोशिश कर रहे हैं और इस चुनाव की लड़ाई जीतने के लिए. इस चुनाव लड़ाई के सटीक परिणाम आने वाले महीनों में हमारे सामने उपलब्ध होंगे, तब तक हम विभिन्न दलों द्वारा विभिन्न कदमों से बिहार में मतदाताओं को आकर्षित करते हुए देख सकते है.
अंग्रेजी में इस लेख को पड़े- Bihar Assembly Election 2010
इस रिश्ते को बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटों में से 142 सीटें मिली थीं. लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाले रास्ट्रीय जनता दल - लोक जन शक्ति पार्टी - कांग्रेस के गठबंधन को केवल 65 सीटें मिली थीं. अन्य को 2005 बिहार विधानसभा चुनाव में 32 सीटें मिली थी. 2005 में, नीतीश कुमार ने 15 वर्ष लंबे लालू प्रसाद यादव शासन को बिहार से बाहर कर दिया. 2010 बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्य लड़ाई फिर से नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव बीच है और उनमें से एक फिर बिहार का नया मुख्यमंत्री बन जाएगा. इस बार कांग्रेस लालू के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा नहीं है और यह 2010 बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले जाना चाहती है. भाजपा और जदू के बीच पिछले कुछ दिनों के संबंध में कुछ अनिश्चितताओं को देखा गया है, लेकिन वर्तमान खबर से पता चलता है कि दोनों पार्टियों इस चुनाव को एक साथ लड़ेगी.
नीतीश कुमार बिहार में लोकप्रिय नेता के रूप में उबरे है उनके द्वारा बिहार को फिर से विकास के पथ लाने से. इसलिए, चुनाव पर्यवेक्षक की बड़ी संख्या का मानना है कि वह राजद - लोजपा गठबंधन से ज्यादा मजबूत बढ़त में रहेंगे, हालांकि, विभिन्न जाति के संयोजन बनाने से यह मुश्किल हो जाता है चुनाव परिणाम की सटीक भविष्यवाणी करनी. दोनों गठबंधन सभी जातियों और मज्हबो के मतदाताओं को आकर्षित करने और उनके वोट पाने के लिए कोशिश कर रहे हैं और इस चुनाव की लड़ाई जीतने के लिए. इस चुनाव लड़ाई के सटीक परिणाम आने वाले महीनों में हमारे सामने उपलब्ध होंगे, तब तक हम विभिन्न दलों द्वारा विभिन्न कदमों से बिहार में मतदाताओं को आकर्षित करते हुए देख सकते है.
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