
कई लोग सड़कों पर इस लिए जान त्याग देते है कि समय पर उन्हें चिकित्सा उपलब्ध नहीं होती है। लोग सड़कों पर दम तोड़ते रहते है और लोग उन की मदद करने की बजाये उन की तस्वीरें खींचने में व्यस्त रहते है। एम्बुलेंस कई बार फ़ोन करने पर भी देर से पहुँचती है। लोग रोज तेज़ रफ़्तार से और शराब पी कर गाड़ी चलाने को एक महान काम समझते है। नियमों का पालन करना तो कोई भी जरुरी नहीं समझता।
अगर भारत के लोग, अपने में छोटे -२ बदलाव भी कर ले तो हम कई सड़क हादसों को रोक सकते और समय पर फर्स्ट ऐड पहुँचा कर हम कई एक्सीडेंट पीड़ितों को भी बचा सकते है। भारत में ट्रैफिक पुलिस का योगदान भी कुछ सराहनीय नहीं रहा है। यह लोग अपने काम पर कम और लोगो से उगाही करने में अधिक व्यस्त रहते है। भारत यदि सच में एक विकासशील देश बनना चाहता है तो उसे अपनी सड़कों को सुरक्षित बनाना पड़ेगा।
इन सड़क हादसों में कई लोग तो अपनी जिंदगी बिना किसी गलती के ही गवा देते है। आज समय आ गया है कि हम इस विषय पर गहराई से साेचे और एक समाधान पर पहुँचे।
नीचे देखे कुछ भारतीय सड़कों पर हुए हादसे -
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